लोग कहते हैं दोस्ती में इंसान बनता भी है और बिगड़ता भी है। इसे सच कर दिखाया हैं डुमरा के रहने वाले दो दोस्तो ने। इन्होंने साथ साथ पढ़ाई की, साथ-साथ खेला और अपने कॅरियर का चुनाव भी एक साथ किया और एक साथ दोनों अपने बचपना का ख्वाब पूरा कर इंडियन एयर फोस में पायलट बन आसमान में उड़ान भर रहे है। इन दोनों की दोस्ती पर इनके माता-पिता के अलावा पूरा जिला गौरवान्वित महसूस कर रहा है। तीन साल की कठिन ट्रेनिंग कर डुमरा प्रखंड आजमगढ़ निवासी व इंडियन एयर फोस में कार्यरत गणेश कुमार के पुत्न आयुष इंडियन आर्मी में फाइटर पायलट और डुमरा संतोषी चौक निवासी अधिवक्ता विष्णुदेव शुक्ला के पुल कुणाल कुमार ट्रांसपोर्ट पायलट चुने गए है। दो दिन पूर्व दोनों को एयरफोर्स एकेडमी हैदराबाद में आयोजित समारोह में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर कमीशन्ड किया गया है। – सैनिक स्कूल में दोनों की हुई दोस्ती, एक साथ पूरा किया ख्वाब : आयुष और कुणाल की प्रारंभिक शिक्षा सीतामढ़ी से पूरा की। इसके बाद वर्ष 2013 में दोनों का चयन सैनिक स्कूल नालंदा में हुआ। जहां दोनों की एक- दूसरे से मुलाकात हुई और धीरे-धीरे दोस्ती प्रगाढ़ हुई। स्कूल के दिनों से ही दोनों एक साथ हॉकी खेला करते थे और अपने कॅरियर की रणनीति बनाते थे। आयुष के पिता इंडियन एयरफोर्स वारंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत है। अपने पिता को बचपन से देख रहे आयुष भी एयरफोर्स में पायलट बनना चाहता था।
वहीं कुणाल की भी बचपन से ही पायलट बनने की इच्छा थी। दोनों बचपन से अपने सपने को साकार करने में जुटे थे। आयुष की मां बाजपट्टी प्रखंड के बोहा प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका ज्योति बाला ने बताया कि आयुष व कुणाल वर्ष 2020 में आयोजित एनडीए की परीक्षा पहले ही प्रयास में उत्तीर्ण इंडियन एयर फोर्स में पायलट के लिए चुने गए। तीन साल तक दोनों ने एक साथ एयरफोर्स एकेडमी हैदराबाद में अपनी प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद पायलट के लिए कमीशन्ड किए गए है।