प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें परमाणु ऊर्जा, खाद, और स्पेयर पार्ट्स की डील भी शामिल थी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य था भारत और रूस के बीच साझेदारी को मजबूती देना और दोनों देशों के बीच गहरी संबंध बढ़ाना।
- परमाणु ऊर्जा: भारत और रूस के बीच नाभिकीय ऊर्जा क्षेत्र में गहरा संबंध है। इस दौरे पर, प्रधानमंत्री मोदी ने शायद नई परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं के लिए समझौतों पर चर्चा की हो सकती है, जो दोनों देशों के लिए भारी भूमिका निभा सकती है।
- खाद: भारत और रूस के बीच कृषि और खाद प्रसंस्करण सेक्टर में सहयोग बढ़ाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई हो सकती है। इसमें खाद के तकनीकी सहायता, उत्पादन तकनीक और विकास को बढ़ाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की जा सकती है।
- स्पेयर पार्ट्स: इस दौरे पर उपग्रह, रक्षा, और अन्य हाई-टेक प्रौद्योगिकी में भारत और रूस के बीच स्पेयर पार्ट्स के आयात-निर्यात संबंधों पर विचार किया गया हो सकता है। यह सहयोग दोनों देशों के रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत कर सकता है।
इस दौरे ने भारत और रूस के बीच साझेदारी के कई नए माध्यमों को संभालने का एक माध्यम प्रदान किया है, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को गहराने और सुदृढ़ करने में मदद कर सकते हैं।