जानिए: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई, पहला सत्र शुरू

संसद का पहला सत्र शुरू हुआ, प्रोटेम स्पीकर ने शपथ ली, विपक्ष ने किया विरोध

सतर्क बिहार समस्तीपुर

18वी लोकसभा का पहला सत्र सुबह 11 बजे से शुरू होगा। आज और कल नए सांसद शपथ लेंगे।  इससे पहले भाजपा सांसद भर्तुहरि महताब  को सोमवार सुबह 10 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। इस  दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू राष्ट्रपति भवन में मौजूद थे। उधर, कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलो ने प्रोटेम स्पीकर का विरोध किया है।

विपक्ष का कहना है कि सरकार ने नियमो को दरकिनार कर भर्तुहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। वे 7 बार के सांसद हैं, जबकि कांग्रेस के के. सुरेश 8 बार के सांसद हैं। नियमो के अनुसार, कांग्रेस सांसद को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था। कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा कि केंद्र सरकार विपक्ष का एक बार फिर से अपमान कर रही है। इसलिए इंडिया ब्लॉक ने पैनल सदस्यों का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

दरअसल, प्रोटेम स्पीकर  के सहयोग के लिए पांच वरिष्ठ सांसदो को नियुक्त किया गया है। इसमें तीन विपक्षी सांसद- सुरेश कोडिकुन्निल (कांग्रेस), थलिक्कोट्टई राजुथेवर बालू (डीएमके), सुदीप बंदोपाध्याय (टीएमसी) हैं, जबकि भाजपा के दो सांसद- राधा मोहन सिह और फग्गन सिह कुलसते शामिल हैं। विपक्षी सांसदो ने इसी पैनल का बहिष्कार किया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा-अभी-अभी मैंने डीएमके संसदीय दल के नेता टीआर बालू से मिलकर  आया हूं। सभी इस बात पर सहमत हैं कि भारतीय संसद के इतिहास में प्रोटेम स्पीकर कभी कोई मुद्दा नही रहा और प्रोटेम स्पीकर  की नियुक्ति नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने और नए अध्यक्ष के चुनाव में मदद करने के लिए होती है।

कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा, ‘एनडीए सरकार  ने लोकसभा की परंपरा तोड़ी है। अब तक जो सांसद सबसे अधिक ज्यादा बार चुनाव  जीतता है, वही प्रोटेम स्पीकर बनता रहा है। भर्तृहरि महताब 7वी बार सांसद चुने गए हैं। जबकि, मैं 8वी बार सांसद चुना गया हूं। वे फिर से विपक्ष का अपमान  कर रहे हैं।

इसलिए इंडिया एलायंस ने सर्वसम्मति से पैनल सदस्यों का हिष्कार  करने का फैसला किया है।’ किरेन रिजिजू ने संसद की कार्रवाई में जाने से पहले कहा,’मैंने सभी नेताओ से मुलाकात की है। अभी-अभी मैंने डीएमके संसदीय दल  के नेता टीआर बालू से मिलकर आया हूं। सभी इस बात पर सहमत हैं कि भारतीय  संसद के इतिहास में प्रोटेम स्पीकर कभी  कोई मुद्दा नही रहा और प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने और नए अध्यक्ष के चुनाव में मदद करने के लिए होती है।’ कांग्रेस के सभी सांसद, संसद भवन मे सुबह 10.15 बजे मीटिंग करेंगे।

इस बार कांग्रेस ने 99 सीटें जीती हैं। बाद में 1 निर्दलीय ने प्रत्याशी ने भी कांग्रेस में  शामिल हो गया, जिसके बाद इसके सांसदों की संख्या 100 हो गई है। 10 साल बाद  कांग्रेस से नेता विपक्ष भी बनाया जाएगा।  जिसके लिए राहुल गांधी का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। बैठक में इस पर भी  विचार-विमर्श होगा। स्पीकर का पद नई लोकसभा की पहली बैठक के ठीक पहले खाली हो जाता है।

लोकसभा की कार्यवाही चलाने के लिए राष्ट्रपति प्रोटेम स्पीकर चुनते हैं। प्रोटेम स्पीकर ही लोकसभा की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हैं। आमतौर पर सदन के वरिष्ठतम सदस्य (चुनाव में जीत के आधार पर) को इस पद पर नियुक्त किया जाता है। प्रोटेम स्पीकर सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के सामने शपथ लेते हैं। फिर नए सांसदों को शपथ दिलाते हैं। वह स्थायी रूप से संसद चलाते हैं। नए स्पीकर के चुनाव के साथ उनकी सेवा समाप्त हो जाती है। इस बार भाजपा के ओडिशा से लगातार 7 बार के सांसद भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर बने हैं।

कांग्रेस ने अपने 8 बार के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को स्पीकर बनाने की मांग की थी। संसदीय कार्य मंत्रीकिरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस के सांसद लगातार नही जीते हैं, इसलिए उनकी वरिष्ठता का आधार नही बनता। प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए 5 सांसदों को राष्ट्रपति ने पीठासीन अधिकारी बनाया है। इनमें के सुरेश (कांग्रेस), सुदीप बंदोपाध्याय (टीएमसी), टीआर बालू (डीएमके) और भाजपा से राधा मोहन सिह, फगन सिह कुलस्ते का नाम शामिल है। विपक्ष के तीनो सांसदो ने 22 ज ून को प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के विरोध में अपना नाम वापस ले लिया

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